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Day-2, Dehradun International Science and Technology Festival 2022

तीसरे देहरादून अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी महोत्सव (2022) यूकोस्ट में धूमधाम से मनाया गया। महोत्सव के दूसरे दिन कृषि सम्मेलन, विज्ञान प्रश्नोत्तरी, और ऊर्जा संरक्षण के तहत एक ग्रीन एनर्जी कॉन्क्लेव का भी आयोजन किया गया, जिसमें सीआईआई, उरेडा, पावर कॉरपोरेशन और ओएनजीसी के प्रतिनिधि और विभिन्न कॉलेज से आये शोधार्थी शामिल हुए। इस महोत्सव के दौरान प्रोफेसर दुर्गेश पंत, महानिदेशक यूकोस्ट ने जल संरक्षण, ऊर्जा संरक्षण और परिषद् में सौर पैनल की स्थापना के महत्व से सबको अवगत कराया। इस अवसर पर एक कृषि और प्रौद्योगिकी सम्मेलन का भी आयोजन किया गया। डॉ रीमा पंत ने हरित ऊर्जा के महत्व, ई-कचरे और प्लास्टिक को कैसे रीसायकल किया जाए और इससे जुड़े प्रमुख मुद्दों के बारे में चर्चा की। सोनिया गर्ग ने ई-वाहन के महत्त्व और कच्चे माल के स्वदेशी उत्पादन की आवश्यकता पर बात की ।
बीसीके मिश्रा (पूर्व एमडी, यूपीसीएल) ने कार्बन फुटप्रिंट को कम करने की बात कही। संदीप सिंह (यू जे वी एन एल) ने कहा कि उत्तराखंड में उच्च जल विद्युत संसाधन हैं और हमें इन परियोजनाओं के सञ्चालन की व्यवहारिकता पर ध्यान देना चाहिए। प्रो. एस. राय (वीसी, यूपीईएस) ने ऊर्जा, योजना, उत्पादन और खपत के विभिन्न पहलुओं के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि ऊर्जा की बचत एक तरीके से ऊर्जा का उत्पादन ही है। निदेशक, ओएनजीसी ने ओएनजीसी की विभिन्न भू-तापीय ड्रिलिंग परियोजनाओं के बारे में बात की। इस उत्सव में 1500 से अधिक छात्रों और शोधकर्ताओं ने भाग लिया। इस उत्सव में कृषि सम्मेलन का भी आयोजन किया गया जिसमें डॉ. नृपेंद्र ने भांग, बकरा-बकरा मांस और दुग्ध संघ के महत्व के बारे में बताया और रूपा सोनी ने बाजरा और इसके उत्पादों और पहाड़ी अर्थव्यवस्था में इसके महत्व के बारे में बताया।

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